In South Africa, one of the most unequal countries in the world, the richest one-tenth of 1%, owns almost 30% of all the country’s wealth, more than double what the bottom 90% owns.
दक्षिण अफ्रीका में, जो दुनिया के सबसे असमान देशों में से एक, सबसे अमीर 1% के दसवें भाग के पास देश की पूरी सम्पत्ति का लगभग 30% हिस्सा है नीचे के 90% की कुल सम्पत्ति के दोगुने से भी अधिक।
Income and wealth inequality are not new. In fact, economists and historians who’ve charted economic inequality throughout history haven’t found a single society without it. Which raises a bleak question: is inequality inevitable?
आय और सम्पत्ति में असमानता कोई नई बात नहीं है। वास्तव में, पूरे इतिहास में जिन अर्थशास्त्रियों और इतिहासकारों ने आर्थिक असमानता को चित्रित किया है, उन्हें इसके बिना एक भी समाज नहीं मिला। इससे एक निराशाजनक सवाल उठता है: क्या असमानता का होना तय है?
One way to estimate inequality is with a number called the Gini index, which is calculated by comparing the income or wealth distribution of a perfectly equal society to the actual income or wealth distribution. The area of this shape multiplied by 2 is the Gini index.
असमानता का अनुमान लगाने का एक तरीका जीनी सूचकाँक नामक संख्या है, जिसकी गणना पूरी तरह से समान समाज की आय या सम्पत्ति वितरण की वास्तविक आय या सम्पत्ति वितरण से तुलना करके की जाती है। इस आकृति के क्षेत्रफल को 2 से गुणा करने पर जीनी सूचकाँक मिलता है।
A Gini of 1 indicates perfect inequality— one person has everything and everyone else has nothing. You’d never see this in real life because everyone except that one person would starve.
अगर जीनी की गणना 1 आती है तो वह पूर्ण असमानता को दर्शाती है - अर्थात् एक व्यक्ति के पास सब कुछ है और बाकी सब के पास कुछ भी नहीं। आप ऐसा वास्तविक जीवन में कभी नहीं देखेंगे क्योंकि उस एक व्यक्ति को छोड़कर हर कोई भूखा मर जाएगा।
A Gini index of 0 indicates perfect equality— everyone has exactly the same income or wealth. But you also never see this in real life, not even in communist countries, because for one thing, that would mean paying everyone— no matter how young, old, what job they’re in or where they work— the exact same wage.
0 का जीनी सूचकाँक पूर्ण समानता को दर्शाता है - अर्थात्, हर किसी की आय या सम्पत्ति बिल्कुल समान है। लेकिन आप इसे भी वास्तविक जीवन में कभी नहीं देखते यहाँ तक कि साम्यवादी देशों में भी नहीं इसका एक कारण है कि इसका अर्थ होगा कि हर किसी को, चाहे वह कितने भी युवा या वृद्ध हों, या जो भी, या जहाँ भी काम करते हों, एकदम समान वेतन देना।
Typical after-tax Ginis in developed countries today are around 0.3, though there’s a wide range from pretty equal to pretty unequal.
आज-कल विकसित देशों में टैक्स के बाद का औसतन जीनी 0.3 के आसपास है जबकि, इसकी लगभग समान से लेकर लगभग असमान तक, विस्तृत श्रृंखला है।
Before we go any further, you should know what the Gini index— or any other measure of economic inequality— doesn’t tell us: it gives no information about how income and wealth are distributed across genders, races, educational backgrounds or other demographics; it doesn’t tell us how easy or difficult it is to escape poverty. And it also gives no insight as to how a particular society arrived at its present level of inequality. Economic inequality is deeply entangled with other types of inequality: for example, generations of discrimination, imperialism, and colonialism created deeply rooted power and class inequalities that persist to this day.
इससे पहले कि हम आगे बढ़ें, आपको पता होना चाहिए कि जीनी सूचकाँक - या आर्थिक असमानता की कोई भी अन्य गणना - हमें क्या नहीं बताती: यह इस बारे में कोई जानकारी नहीं देते कि लिंग, नस्ल, शैक्षिक पृष्ठभूमि, या अन्य जनसाँख्यिकी में आय और धन कैसे वितरित हैं; नहीं बताते कि गरीबी से बचना कितना आसान या मुश्किल है। और कोई अन्तर्दृष्टि नहीं देते कि एक विशेष समाज असमानता के अपने वर्तमान स्तर पर कैसे पहुँचा। आर्थिक असमानता अन्य प्रकार की असमानताओं के साथ गहराई से उलझी हुई है: उदाहरण के लिए, पीढ़ियों से चले आ रहे भेदभाव, साम्राज्यवाद, और उपनिवेशवाद ने शक्ति और वर्ग असमानताओं की गहरी जड़ें बना लीं जो आज भी कायम हैं।
But we still need at least a rough measure of who gets how much in a country.
लेकिन हमें फिर भी कम से कम एक मोटा-मोटा माप चाहिए
That’s what the Gini index gives us.
कि एक देश में किसे कितना मिलता है। जीनी सूचकाँक हमें यही देता है।
Some countries are, economically, much more unequal than others. And that’s because a significant portion of economic inequality is the result of choices that governments make.
कुछ देश, आर्थिक रूप से, दूसरों की तुलना में बहुत अधिक असमान हैं। और ऐसा इसलिए है क्योंकि आर्थिक असमानता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा सरकारों द्वारा चुने गए विकल्पों का नतीजा है।
Let's talk about some of these choices. First: what kind of economy to use.
आइए इनमें से कुछ विकल्पों के बारे में बात करते हैं। पहला: किस तरह की अर्थव्यवस्था का इस्तेमाल करना है।
In the 20th century, some countries switched to socialism or communism for a variety of reasons, including reducing economic inequality. These changes did dramatically reduce economic inequality in the two largest non-capitalist economies, China and the Soviet Union— especially in the Soviet Union.
20वीं शताब्दी में, कुछ देशों ने कई कारणों से समाजवाद या साम्यवाद की ओर रुख किया, जिसमें आर्थिक असमानता को कम करना भी शामिल था। इन परिवर्तनों ने दो सबसे बड़ी गैर-पूंजीवादी अर्थव्यवस्थाओं, चीन और सोवियत संघ - विशेषकर सोवियत संघ में, आर्थिक असमानता को नाटकीय रूप से कम कर दिया।
But neither country prospered as much as the world's leading economies. So yes, people earned about as much as their neighbors did, but that wasn’t very much.
लेकिन कोई भी देश उतना समृद्ध नहीं हुआ जितना कि दुनिया की अग्रणी अर्थव्यवस्थाएँ। तो हाँ, लोगों ने लगभग उतना ही कमाया जितना उनके पड़ोसियों ने, लेकिन वह बहुत ज्यादा नहीं था।
This— and many other issues— contributed to the Soviet Union’s collapse in 1991. And China, to grow more quickly, shifted its economy towards capitalism starting in the late 1970s.
इसने और कई अन्य समस्याओं ने 1991 में सोवियत संघ के पतन में योगदान दिया । और चीन ने, अधिक तेज़ी से बढ़ने के लिए, 1970 के दशक के उत्तरार्ध में अपनी अर्थव्यवस्था को पूंजीवाद की ओर स्थानान्तरित कर दिया।
What about capitalist countries? Can they choose to reduce economic inequality? It’s tempting to think “no, because the whole point of capitalism is to hoard enough gold coins to be able to dive into them like Scrooge McDuck.” China seems to provide the textbook example of this: after it became more capitalist, its Gini index shot up from under 0.4 to over 0.55. Meanwhile, its per capita yearly income jumped from the rough equivalent of $1,500 to over $13,000.
लेकिन पूंजीवादी देशों का क्या? क्या वह आर्थिक असमानता को कम करने का विकल्प चुन सकते हैं? यह सोचना लोभनीय है, “नहीं, क्योंकि पूंजीवाद का पूरा उद्देश्य ही इतने सोने के सिक्के जमा करना है कि स्क्रूज मैकडक की तरह उनमें गोता लगाया जा सके।” चीन शायद इसका आदर्श उदाहरण देता है: अधिक पूंजीवादी बनने के बाद, उसका जीनी सूचकाँक 0.4 के भी कम से बढ़कर 0.55 से अधिक हो गया। इस बीच, इसकी प्रति व्यक्ति वार्षिक आय $1,500 के बराबर से बढ़कर $13,000 से अधिक हो गई।
But there are many counter-examples: capitalist countries in which inequality is actually holding steady or decreasing. France has kept its Gini index below 0.32 since 1979. Ireland's Gini has been trending mostly downward since 1995. The Netherlands and Denmark have kept theirs below 0.28 since the 1980s.
लेकिन इसके कई प्रति-उदाहरण हैं: ऐसे पूंजीवादी देश जिनमें असमानता वास्तव में स्थिर है, या घट रही है। फ्रांस ने 1979 से अपने जीनी सूचकाँक को 0.32 से नीचे रखा है। आयरलैंड का जीनी 1995 से ज्यादातर नीचे के झुकाव पर ही है। 1980 के दशक से नीदरलैंड और डेनमार्क ने अपने स्तर को 0.28 से नीचे रखा है।
How do they do it?
वह यह कैसे करते हैं?
One way is with taxes. Personal income taxes in most countries are progressive: the more money you make, the higher your tax rate. And the more progressive your tax system, the more it reduces inequality. So, for example, while pre-tax income inequality in France is roughly the same as it is in the US, post-tax inequality in France is roughly 20% lower.
एक तरीका है - कर द्वारा। ज़्यादातर देशों में व्यक्तिगत आय कर प्रगतिशील होते हैं: आप जितना अधिक पैसा कमाते हैं, आपकी कर की दर उतनी ही अधिक होती है। और आपकी कर प्रणाली जितनी प्रगतिशील होती है उतनी ही यह असमानता को कम करती है। तो जैसे, जहाँ फ्रांस में कर-पूर्व आय असमानता लगभग वैसी ही है जैसी कि अमेरिका में, फ्रांस में कर-पश्चात असमानता लगभग 20% कम है।
Meanwhile, inheritance taxes can reduce the amount of wealth that a single family can amass over generations. Germany and many other European countries have inheritance or estate taxes that kick in at a few thousand to a few hundred thousand Euros, depending on who's inheriting. The US, on the other hand, lets you inherit $12 million without paying any federal tax.
इस बीच, विरासत करों से उस सम्पत्ति की मात्रा कम हो सकती है जो एक परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी अर्जित कर सकता है। जर्मनी और कई अन्य यूरोपीय देशों में ऐसे विरासत या सम्पत्ति कर हैं जो कुछ हज़ार से लेकर कुछ सौ हज़ार यूरो पर शुरू होते हैं, जो इस बात पर निर्भर करता है कि विरासत किसको मिल रही है। दूसरी ओर, अमेरिका में आप बिना किसी संघीय कर का भुगतान किए $1.2 करोड़ के उत्तराधिकारी बन सकते हैं।
Another way is with transfers— when the government takes tax revenues from one group of people and gives it to another. For example, Social Security programs tax people who work and use the revenue to support retirees. In Italy, about a quarter of Italians’ disposable household income comes from government transfers. That’s a lot, especially relative to the US, where the figure is just over 5%.
दूसरा तरीका है - ट्रांसफर - जब सरकार लोगों के एक समूह से कर राजस्व लेकर दूसरे को दे देती है। उदाहरण के लिए, सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम उन लोगों पर कर लगाते हैं जो सेवानिवृत्त लोगों के समर्थन के लिए राजस्व का उपयोग करते हैं। इटली में, इतालवी लोगों की प्राप्य घरेलू आय का लगभग एक चौथाई हिस्सा सरकार से आता है। यह बहुत अधिक है, खासकर अमेरिका की तुलना में, जहाँ यह आंकड़ा सिर्फ 5% से अधिक है।
A third way is to ensure that everyone has access to things like education and healthcare. A highly educated, healthy workforce can command a higher salary on the market, thus reducing inequality. The fourth way is addressing the digital divide: the gap between those who have access to the Internet and those who do not.
एक तीसरा तरीका यह सुनिश्चित करना है कि शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल जैसी चीज़ों तक सभी की पहुँच हो। एक उच्च शिक्षित, स्वस्थ कार्यबल, बाजार में उच्च वेतन की माँग कर सकता है, जिससे असमानता कम होती है। चौथा तरीका है डिजिटल विभाजन को दूर करना: उन लोगों के बीच का अन्तर जिनके पास इन्टरनेट तक पहुँच है और जिनके पास नहीं।
A fifth way is dealing with extreme wealth. Multibillionaires can buy social media platforms, news outlets, policy think-tanks, perhaps even politicians, and bend them to their will, threatening the very fabric of democracy.
एक पाँचवाँ तरीका है अत्यधिक सम्पत्ति से निपटना। कई अरबपति सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, समाचार व्यवसाय, नीति विशेषज्ञ दल, शायद राजनेताओं को भी खरीद सकते हैं और उन्हें अपनी मर्जी से झुका सकते हैं, जिससे लोकतन्त्र के ताने-बाने को खतरा पैदा होता है।
We are just barely scratching the surface of inequality here. We haven’t touched on the drastic divides in who has wealth and who doesn’t; the power structures that prevent social and economic mobility; and the drastic inequality between countries— the fact that, for example, just three Americans have 90 billion more dollars than Egypt, a country of 100 million people.
और यह सिर्फ़ असमानता की ऊपरी सतह है। हमने उन भारी असमानताओं की तो बात ही नहीं की जो धनवान और बिना धन वालों के बीच हैं, जो सामाजिक और आर्थिक गतिशीलता को रोकने वाली शक्ति संरचनाएँ हैं; और देशों के बीच की भारी असमानता जैसे यह तथ्य, कि केवल तीन अमेरिकियों के पास मिस्र से 90 अरब डॉलर ज़्यादा हैं जो कि, 10 करोड़ लोगों का देश है।
And here’s one final thing to think about: power and wealth are self-reinforcing, which means that equality is not. Left to their own devices, societies tend toward inequality— unless we weaken the feedback loops of wealth and power concentration.
और यहाँ है विचार करने के लिए एक अन्तिम बात: शक्ति और धन आत्म सशक्त हैं, जिसका अर्थ है, कि समानता ऐसी नहीं है। अपने स्वयं के उपकरणों पर छोड़ दिया जाए, तो समाज असमानता की ओर जाने लगते हैं -